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Wattmeter Construction and Working Principle In Hindi

What is wattmeter In Hindi                                      A wattmeter is a measuring device that is used to measure power, it tells us that an element is placed in a circuit.  That is, the load is measured by how much power it consumes. वॉटमीटर एक मेजरिंग डिवाइस होता है जो पावर को मापने के लिए यूज करते है यह हमें बताता है कि किसी सर्किट में जो एलिमेंट लगा होता है। यानी जो लोड होता है वह पावर को कितना कंज्यूमर कर रहा है उसको मेजर करता है।बेसिकली पावर दो चीजों पर निर्भर करती है वोल्टेज और करंट के गुणनफल पर।                                   इसलिए वॉट मीटर में 2 क्वायव लगता है।पहला वोल्टेज कोयल और दूसरा करंट क्वायल जिसकी दो-दो टर्मिनल होती हैं।                   Wattmeter Symbol And Diagram                Construction Of Wattmeter  यह दो क्वायल से मिलकर बनता है। पहला वोल्टेज क्वायल और दूसरा करंट क्वायल करंट क्वायल को लोड के सिरीज में जोड़ा जाता है जिससे हमें पता चलता है कि लोड से कितना करंट फ्लो होता है और  दूसरा वोल्टेज क्वायल को लोड के समनांतर जोड़ा ज
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Use Of Ammeter | एमीटर का उपयोग क्या है ?

स्वागत है दोस्त हमारे ब्लॉग में आज हम जानेंगे। एमिटर या एंपियर मीटर के बारे में एमीटर होता क्या है ? और इसे हम सर्किट में कैसे यूज करते हैं? Ammeter Ka Use क्या है ?                                 Definition Of Ammeter :-                                                Ammeter or Amper meter is a measuring device that we know the value of current in a circuit.  We connect it in series of circuits. एमिटर या एंपियर मीटर एक मेजरिंग डिवाइस है जिससे हम किसी सर्किट का करंट का वैल्यू पता करते हैं। इसकी कनेक्शन हम सर्किट के सीरीज में करते हैं। Also Read:- What is Voltmeter | वोल्टमीटर की Type | Ammeter ka Symbol  उपर जो चित्र देख रहे हैं यह एमीटर का सिंबल है? सर्किट में हम इसी के द्वारा सूचित करते हैं।                 Ammeter Diagram आप ऊपर के चित्र में देख रहे हैं बैटरी और बल्ब के बीच में लगा हुआ है और यह हमेशा सर्किट में सीरीज(परिपथ के श्रेणीक्रम) में ही लगता  है                                                          यह अत्यंत कम प्रतिरोध वाली य

What is Voltmeter | वोल्टमीटर की Type |Working क्या है

स्वागत है दोस्त आपका हमारे ब्लाॅग में आज हम जानेंगे वोल्टमीटर के बारे में वोल्टमीटर क्या होता है और यह कैसे काम करता है और इसकी कनेक्शन कैसे की जाती है?अगर आप स्टूडेंट हैं या इंडस्ट्री में काम करना चाहते है तो यह पोस्ट आपका बहुत हेल्प (Help)करेगा What is voltmeter(वोल्टमीटर क्या है?) A boltmeter is a measuring device that measures the potential difference between two points in a circuit. And it is denoted by V Working of Voltmeter in Hindi : वोल्ट मीटर एक मेजरिंग डिवाइस (Measuring Device) होता है जो किसी भी इलेक्ट्रिकल सर्किट (Electrical circuit) के दो पॉइंट के बीच वोल्टेज मेजर करता है।इसकी मदद से हमें पता चलता है कि सर्किट में कितना वोल्टेज है?                                    अगर आप किसी भी इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट का रिपेयर करने की रुचि रखते है तो इसके लिए वोल्टमीटर के बारे में जानकारी होना आपके लिए बहुत ज्यादा जरूरी है।   Also Read:-  MCB full form in hindi ||MCB,MCCB, ELCB और RCCB में क्या अंतर होता है           Voltmeter ki Symbol आप इस

Ohm's law in [hindi] | एक बार जरुर पढे

What is Ohm's law ? Ohm's law एक फॅरमुला (Formula) है जो हमें वोल्टेज,करंट और प्रतिरोध के बीच में संबंध बताता है।इसकी खोज जॉर्ज साइमन वैज्ञानिक 1827 में किया था  इलेक्ट्रिकल सर्किट(Electric circuit) एक ऐसा पाथ क्रिएट करता है जिसमें इलेक्ट्रॉन मूव करता है।इलेक्ट्रॉन की मूव करने की क्रिया को करंट कहते हैं? जिस तरह किसी होलो पाइप में पानी को फॉलो करने के लिए फोर्स की जरूरत पड़ती है ठीक उसी प्रकार किसी भी सर्किट में चार्ज को मुभ करने के लिए हमें फोर्स(Force) की जरूरत पड़ती है उसे हम वोल्टेज कहते हैं या डिसी सर्किट में दो पॉइंट के अक्रॉस जो पोटेंशियल डिफरेंस होता है उससे हम वोल्टेज कहते हैं। जब कंडक्टर में करंट फ्लो(Flow) होता है तो वह फ्रिक्शन(Friction) और अपोजिशन(Opposition) को फेस (Face) करता है इसी अपोजिशन को। रेजिसटेंस कहते है Ohm's law के अनुसार:- यदि किसी डिसी सर्किट (DC circuit) का भौतिक अवस्था (तापमान) नियत रखी जाए तो चालक में प्रवाहित धारा का मान (Current) उसके सिरो पे विभवांतर  ( Voltage) के समानुपाती (Directly Proportional) होता है। तथा यही प्रतिरोध के

MCB full form in hindi ||MCB,MCCB, ELCB और RCCB में क्या अंतर होता है

 MCB,MCCB, ELCB ,और RCCB में क्या अंतर होता है What is Circuit Breaker (CB) ? सर्किट ब्रेकर एक डिवाइस है। जिसकी मदद से किसी भी सर्किट को हम मैनुअली या ऑटोमेटिकली फॉल्ट या नॉरमल कंडीशन में?कंट्रोल कर सकते हैं। MCB,MCCB, ELCB ,और RCCB में क्या अंतर होता है, हम जानेंगे की इन सर्किट ब्रेकर के आपस में क्या अंतर है जो इन्हें एक दुसरे से अलग करता है, तो चलिए देखते हैं यहाँ पर हम टोटल चार सर्किट ब्रेकर के बारे में जानने वाले हैं  Related Post :- Relay Working principle, construction and connection 1.MCB-(Miniature circuit breaker) MCB MCB का अर्थ है "लघु सर्किट ब्रेकर"। Rated current 100A के अंदर होता है Interrupting rating current 18,000 amps.के अंदर होता है ट्रिप करने की क्रिया को एडजस्ट कर सकते हैं  इसका working principle thermal or thermal magnetic operation पर अधारित है   यह कम करंट वाली सर्किट (कम ऊर्जा की आवश्यकता), के लिए सही है   होम वायरिंग के लिए उपयुक्त। आम तौर पर उपयोग किया जाता है, ज

What is MCB in hindi ? working principle and construction in hindi||

What is MCB in hindi ? working principle and construction in hindi|| MCB  MCB(miniature circuit breaker) एक ऐसा इलेक्ट्रिकल device है जो Unhealthy condition में ऑटोमेटिकली ऑफ हो जाता है। 1.Faulty condition :- जब दो कोई वायर ( फेस टू फेस या फेस टू न्यूट्रल) आपस में टकराते हैं उस कंडीशन में MCB Off हो जाता है 2.Overcurrent condition:-  जब सर्किट में MCB की रेटिंग से अधिक करंट फ्लो करने लगता है उस कंडीशन में ओवरलोड के कारण MCB Off हो जाता है  Overload कब होता है :- जब दो वायर आपस में टकराती है। उस कंडीशन में रजिस्टेंस हमारा कम हो जाता है। उसके कारण करंट ज्यादा flow करने लगता है। और दूसरा जब MCB 2A का हो और हमारा लोड 5A लेने वाली सर्किट मे जोड. दे उस कंडीशन मे MCB ट्रिप हो जाता है।आजकल fuse के जगह पर हम MCB यूज करते हैं क्योंकि MCB कम Value वाले हमें आराम से मार्केट में मिल जाते हैं।यह यूज करने में ज्यादा reliable है।यह फ्यूज के अपेक्षा ज्यादा Sensitive है? क्योंकि overcurrent को बहुत जल्दी यह Sense कर लेता है।और MCB ऑफ हो जाता है।                                जब फ्यूज से ओव

Relay Working principle in hindi construction and connection in hindi

दोस्तों आज हम जानेंगे रिले के बारे में उसका Working principle in hindi construction and connection in hindi रिले क्या होता है ? यह एक इलेक्ट्रिकल स्विचिंग डिवाइस होता है जो इलेक्ट्रिकल सर्किट को असमान्य स्थिति में सर्किट को सप्लाई से अलग करता है जिससे सर्किट का कोई नुकसान ना हो उसे हम रिले कहते हैं। Example:- Thermal overload relay या एक ऐसी रिले होती है जो AC मोटर को सुरक्षा के लिए यूज करते हैं। जब हमारा मोटर ओवरलोड होता है उस कंडीशन में यहां रिले उसकी कनेक्शन को डिस्कनेक्ट कर देता है और हमारा मोटर जलने से बच जाता है।इसे हम protective device भी कहते हैं रिले का कार्य सिद्धांत।(Working principle) रिले एक Simple सा इलेक्ट्रिकल प्रोटेक्टिव डिवाइस है इसके अंदर एक क्वायल होता है जो ACऔर DC दोनों हो सकता है।इसमें एक NC Point एक NO Point और एक  Common Point होता है।जब हम क्वायल को Voltage देते हैं तो क्वायल magnetic field हो जाता है।उसमें plunger लगा रहता है इस plunger को अपनी तरफ खींचता है और NO को NC और NC को NO बनाता है इस तरह से यह स्विचिंग करता है। रिले में क्या-क्या होता ह